Bhāratīya darśana meṃ sarvajñavāda: Sāṅkhya-yoga, Nyāya-vaiśeshika, Mīmāṃsā-vedāntaRāhula Pabliśiṅga Hāūsa, 1994 - Omniscience (Theory of knowledge). On Omniscience, the theory of knowledge based on Indic philosophy. |
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अतः अथवा अनुमान अनेक अपने अर्थ अर्थात आत्मा आदि इति इस प्रकार इसी ईश्वर के ईश्वर में उसके ऋग्वेद एक एवं ऐसा कर करता है करते हुए करने कर्त्ता कहते हैं कि कहा गया है कहा है का कार्य किन्तु किया गया किया है किसी की कुछ के अनुसार के कारण के रूप में के लिए को कोई क्योंकि जा सकता जीव जो ज्ञान तथा तो दर्शन दोनों नहीं है नित्य ने न्याय पक्ष पर परन्तु परमात्मा पुरुष पूर्व पृ प्रकृति प्रत्यक्ष प्रमाण प्राप्त बुद्ध ब्रह्म ब्रह्म को ब्रह्मसूत्र भा भाष्य भी माना में ईश्वर में भी मोक्ष यदि यह यही या रूप से वल्लभाचार्य वह वही वाराणसी वाला विशेष विषय विष्णु वे वेद वेदान्त वैशेषिक शंकर शब्द सकता है सब सभी सर्वज्ञ सर्वज्ञता सर्वज्ञत्व सांख्य सिद्ध सिद्धान्त सूत्र सृष्टि से स्पष्ट स्वरूप स्वीकार ही ही है है और है कि होता है होती होने से