एक गधे की आत्मकथाHindī Pān̐keta Buksa, 1960 - 132 pages |
Other editions - View all
Common terms and phrases
अगर अपनी अपने अब आज आप आपको आया इस इसलिए उन उस उसकी उसके उसने उसे एक गधा और कर करते करने का काम किया किसी की की ओर कुछ के लिए केवल को कोई कोठी क्या क्यों क्योंकि गई गए गधे गधे को गया घास जब जा जी जो तक तथा तरह तुम तो था था कि थी थीं थे दिन दिया दिल्ली देखकर देखा देखिए दो धोबी नहीं नहीं है ने ने कहा पर पहले पास प्रकार फिर बड़ी बड़े बहुत बात बाद बाहर बिलकुल बोला बोली बोले भारत भी मगर मनसुखलाल मालूम मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने कहा यह यहां या रही रहे रामू रूपवती लगा लिया ले लेकिन लेडी लोग वह वहां वाले वे संगीत सकता सकते सब समय साथ सुन्दर से सेठ सौन्दर्य हम हमारे हर हां हाथ ही हुआ हुई हुए हुए कहा हूं है कि हैं हो होकर होता