Gīta aura gīta, Volume 2

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Bharat Vyas
Sāhitya-Bhāratī, 1968 - Hindi poetry
Collection of poems; includes introductions to the poets.

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Contents

Section 1
9
Section 2
11
Section 3
25
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अपनी अपने अब अभियान आज इन इस उसकी उसके उसे एक एवम् ऐसे और कब कभी कर करता करते करना करने कवि कविता का काव्य किन्तु किया किसी की कुछ के नाम पर के पहले के लिए के साथ के हिन्दी को कोई क्या गई गया है गये गीत और गीत गीत के गीतकार गीतों चल जब जा जाए जाने जीवन जो तक तुम तो था थे दिया दे दो नये नहीं हो ने प्यार फिर फूल बन बम्बई बहुत भर भरत भाग भी मत मधुकर गौड़ मुझे में मेरा मेरी मैं यह या युग ये रंग रह रहा है रही रहे हैं राजस्थान रूप ले वह वही वाली वाले वे श्री संकलन संग्रह सकता सत्य सब सभी समय समाज सम्पादक साहित्य में सी से स्वयं स्वर हम हर हिन्दी कवि हिन्दी साहित्य ही हुआ हुई हुए हूँ हृदय है और है कि होता है होने

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