Jaiminīya-mīmāṃsā-bhāṣyam: Ārṣamata-vimarśanyā Hindī-vyākhyayā sahitam, Volume 5

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Mīmāṃsaka, 1977 - Mimamsa
Exegesis of Jaimini's aphoristic work on the fundamentals of the Mīmāṃsā school of Indian philosophy.

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Section 1
5
Section 2
5
Section 3
8

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अतः अथवा अधिकार अन्य अर्थ अर्थात् आदि इति इस प्रकार इसका इससे इसी उ० उक्त उस उसका एक एवं ऐसा और कर करके करता है करते करना चाहिये करने करे कर्म कहते हैं कहा है का विधान काल किं किया जाता है किया है किस हेतु से किसी की के लिये के साथ को क्या गया जाना जाता है जैसे जो तत्र तथा तु तो दर्शन देवता दो दोनों द्र० द्रव्य द्वारा नहीं है नहीं होता है निमित्त निर्देश ने पक्ष पशु पाठ पुरुष पूर्व पृष्ठ प्रति प्रधान प्रयोग फल भवति भाष्य भिन्न भी में यजमान यजेत यथा यदि यह यहां याग रूप वचन वह वहां वा वाक्य वाले विवरण विशेष वेद व्याख्या शब्द श्रुति सत्र समाधान सम्बन्ध संस्कृत सूत्र सूत्रार्थ स्यात् स्वर्ग हवि हि ही हुआ हुए हैं है कि हो होगा होता है होती होने पर होने से होम होवे

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