Jainadharma aura tāntrika sādhanāOn Jaina mantras, rituals, and Tantric worship. |
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१० १२ १६ ॐ नमो ॐ ह्रीं अतः अनेक अन्य अपने अर्थ आचार्य आदि आधार इति इन इस इसके इसमें उनके उपलब्ध एक एवं कर करके करता है करते करना कहा का का उल्लेख किन्तु किया है किसी की की साधना कुछ कुरु कुरु कुरु के रूप में के लिए को गया है चक्र चर्चा चार चित्त जप जा जाता है जाती जीवन जैन धर्म जैन परम्परा में जो ठः णमो तंत्र तक तथा तांत्रिक तो था दि० दृष्टि दोनों धर्म ध्यान के नमः नाम ने पर पूजा पूर्व प्रभाव प्राप्त फल फिर मंत्र मन मम माना मुद्रा में भी यंत्र यक्ष यन्त्र यह या ये रक्ष वह विकास विद्या विधि वे व्यक्ति शक्ति शती श्री श्रीं श्वे० साथ साधना से स्थान स्वाहा हिन्दू ही हुआ हुई हुए है और है कि हो होता है होती होते हैं होने