Kavitā nadī

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Kitābaghara Prakāśana, 2002 - Hindi poetry - 404 pages
Selected poems by several 20th century Hindi authors on the rivers of India.

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26
Section 2
35
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66
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अनेक अपना अपनी अपने अब आई आज इलाहाबाद इस उस उसके उसे एक एवं ओर और कई कभी कर करती कवि कविता कविता-संग्रह कविताएँ कहीं का काव्य किनारे किसी की कुछ के लिए को कोई क्या गंगा गई गए गया घर जन्म-स्थान जब जल जहाँ जा जाता जाती है जाते जाने जीवन जैसे जो तक तट तुम तू तो था थी थे दिन दिल्ली दूर दो धारा नई दिल्ली नदी नदी के नदी में नहीं नाम नाव निराला ने पर पानी पार पुरस्कार पुल प्रकाशन प्रकाशित प्रथम संस्करण प्रमुख कृतियाँ फिर बहती बहुत बिहार बीच बेतवा भारत भी मन मुझे में में संकलित मेरी मेरे मैं यमुना यह यहाँ या ये रहा रही है रहे रात रूप लहर लहरों वह वाराणसी विश्वविद्यालय वृत्ति वे शिक्षा संपर्क संपादक सब सभी साथ साहित्य से हम हर हिंदी के ही हुआ हुई हुए हूँ है है कि हैं हो होता होती

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