Maraghaṭa kī rākha

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Nīlama Sṭorsa, 1965 - 96 pages

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Contents

Section 1
12
Section 2
21
Section 3
31

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Common terms and phrases

अगर अच्छा अन्न अपनी अपने अब अभी अलखी आप इतना इस इसी उसका उसकी उसके उसने उसे एक ऐसा ओर और कर करता करना कह कहीं का काम कि किया किसी की बात कुछ के पास के लिए कोई क्या क्यों गए गगरू घर चल चला जब जा जाता जायेगा जी जीवन जो झोपड़ी तक तब तरह तुम तुम्हारे तुम्हें तो थी थे दिया दिया है देख देखकर देश दो धनिया नहीं है नाम ने कहा पड़ा पर पूछा प्रभात बाबू फिर बड़ा बाद बेटा बोला भाई भी भैया मंगरू मंगरू ने मत मन माँ मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ रहा था रहा है रही रुपया लगा ले लेकर लेकिन लोग लोगों वह वे शेखर को शेखर ने श्रोझा सकता सब सभी समय समाज सामने से सेठ सेठजी हम हाँ हाथ ही हुआ हुए कहा हूँ है कि हैं हो गई हो गया होकर होगा

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