Rājasthānī citrakalā

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Rāhula Pabliśiṅga Hāūsa, 1994 - Art, Indic - 219 pages

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अंकन अकबर अन्य अपनी अपने अपभ्रंश आदि इतिहास इन इलाहाबाद इस प्रकार इसी ई० उनके उसके एक चित्र एवं ओर और कई कर करते करने कला का का चित्रण काल किया गया है की कुछ कृष्ण के चित्र के लिए के समय के साथ केशव को कोटा गये चित्र में चित्र सं० चित्र है चित्रकला चित्रकला के चित्रकार चित्रों में जबकि जयपुर जिसमें जी जोधपुर तक तथा तो था थी थे दिखाया गया है दिया दृश्य दो द्वारा नहीं नाथद्वारा नाम नायिका ने पर परम्परा पास पुत्र पृ० पृष्ठ प्रेम फलक सं० बने बाद बीकानेर बूंदी भारत भी महाराजा मारवाड़ मुगल में मेवाड़ यह यहाँ या रंग रहा रही है रहे हैं रागिनी राजपूत राजस्थानी राजा राज्य राम ल० वह विभिन्न विष्णु शैली के शैली में सं० सं० संग्रहालय सिंह से हाथ ही हुआ है हुई हुए है कि है जो हैं हो होता है

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