Tarkasaṅgrahaḥ-Tārodaya: Annambhaṭṭa-kr̥ta Tarka-Saṅgrahake mūla-pāṭhase aura isapara Hindīmeṃ Tārodaya nāmaka ṭīkāse yukta

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Bhāratīya Pabliśiṅga Hāusa, 1974 - Nyaya - 151 pages

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Contents

Section 1
1
Section 2
67
Section 3
94

Common terms and phrases

अतः अनुभव अनुमान अन्नम्भट्टने अन्य अपने अर्थ अर्थात् असाधारण आदि इति इन्द्रिय इस इसके ई० उत्पन्न उस उसका उसके एक और करण करने कहा का कारण कार्य किया है किसी की के के कारण के लिये केवल को कोई क्योंकि गया है गुण गुरण ग्रन्थ चार जा जाता है जैसे जो ज्ञान ज्ञानके टीका तथा तर्क तीन तो दर्शन दिया दीपिका दो दोनों द्र० द्रव्य द्वारा धर्म नहीं है नामक नित्य न्याय पक्ष पदार्थ पर पृथिवी पृष्ठ प्रकार प्रतीति प्रत्यक्ष प्रथम प्रभाव प्रमाण प्राग बताया भिन्न भी भेद मानते हैं में यह यहाँ या युक्त ये रूप रूपमें लक्षण वह वाक्य वाला वाली वाले विद्यमान विशेष विषय वैशेषिक व्याख्या व्याप्ति शब्द श्री संयोग सब समवाय सम्बन्ध सम्बन्धसे साथ साध्य सामान्य सिद्ध सिद्धान्त से स्थित स्वरूप ही हुए हेतु है कि हैं हो होता है होती होते हैं होना होने

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