Vaidika saṃskr̥ti aura sabhyatā |
Common terms and phrases
अथवा अनेक अपनी अपने अर्थ अर्थात आत्मा आदि इन इन्द्र इस इसके इसी उस उसका उसकी उसके उसी उसे ऊपर ऋग्वेद एक एवं ऐसा कर करता है करती करते हैं करना करने कर्म कहा का का नाम किसी की ओर कुछ के लिये के साथ को कोई गया है चाहिये जब जाता है जाती जाते हैं जिस जीवन जैसे जो ज्ञान तक तथा तो था थे दिया देता है दो दोनों द्वारा धन नहीं नहीं है ने पर परन्तु प्रकार प्रभु प्राण प्राप्त बन ब्राह्मण भी मंत्र मन मानव में में भी मैं यजुर्वेद यज्ञ यदि यह यही या ये रहता रहा है रहे रूप में ले वह वाणी वाला वाले विकास वे वेद व्यक्ति शक्ति शब्द शरीर संस्कार संस्कृति सत्य सब सभी सभ्यता समाज सम्बन्ध सूर्य से स्थान हम हमारे हमें ही हुआ हुए हुये है और है कि है जो हैं हो होकर होता है होती होने