Varṇa-samīkṣāPaṇḍita-Madhusūdana-Ojhā-Śodha-Prakoṣṭhaḥ, Saṃskr̥ta-Vibhāgaḥ, Jodhapuraviśvavidyālayaḥ, 1991 - Sanskrit language - 148 pages Analytical study, with Hindi explanation, of the alphabets in Sanskrit language. |
Common terms and phrases
अक्षर अथवा अनुदात्त अन्य आगे आदि इति इत्यादि इन इन्द्र इस प्रकार इसलिए इसी उत्पन्न उदात्त उस ऊष्मा ऋग्वेद ऋषभ एक एव एवं ऐसा और कर करता है करते करने कहा गया है का कात्यायन किया की कुछ के उच्चारण के लिए के साथ को कोई क्योंकि क्रम गान्धार चार चाहिए जयपुर जाते हैं जैसे जो तत्र तथा तब तीन तु तो था थे दो दोनों द्वारा नहीं ने पण्डित जी पद पूर्व प्रकार के प्रयत्न प्रयोग प्राण प्रातिशाख्य प्राप्त भवति भी भेद मध्य मातृका में यथा यदि यम यह यहाँ या याज्ञवल्क्य ये रूप से वर्ण वर्णों के वह वहाँ वा वाक् वाला वाले विशेष वे वेद व्यञ्जन शब्द श्रुति संस्कृत स्थान स्पर्श स्वर स्वरभक्ति स्वरित स्वरूप स्वरों ही हुआ हुई हुए है कि हो जाता है होता है होती होते हैं होने पर होने से