Muktibodha kā kāvya aura astitvavādaOn the Hindi poetry of Gajanan Madhav Muktibodh, 1917-1964, and existentialism; a study. |
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... की कल्पना की जाती है । Mythology में गर्भित सत्य को पूरा ढाँचा गढ़ा जाता है । मुक्तिबोध ने भी वही किया है । लेकिन उनकी कविता को कल्पित ...
... की कल्पना की जाती है । Mythology में गर्भित सत्य को पूरा ढाँचा गढ़ा जाता है । मुक्तिबोध ने भी वही किया है । लेकिन उनकी कविता को कल्पित ...
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... किया है । यास्पर्स ने ईश्वर के स्थान पर लोकातीत ( Transcendence ) का उल्लेख किया है । अभिप्राय कदाचित् यही है कि हमारे ज्ञान की अपूर्णता ...
... किया है । यास्पर्स ने ईश्वर के स्थान पर लोकातीत ( Transcendence ) का उल्लेख किया है । अभिप्राय कदाचित् यही है कि हमारे ज्ञान की अपूर्णता ...
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... किया तथा उसकी व्यक्तिगत स्थितियों को चित्रित कर उसके अस्तित्व का प्रकाशन किया । अस्तित्व के लिए ही व्यक्ति आज संघर्षरत है ...
... किया तथा उसकी व्यक्तिगत स्थितियों को चित्रित कर उसके अस्तित्व का प्रकाशन किया । अस्तित्व के लिए ही व्यक्ति आज संघर्षरत है ...
Common terms and phrases
अज्ञेय अनुभव अपनी अपने अस्तित्व अस्तित्व को अस्तित्ववाद आज आत्मा आधुनिक इन इस इसलिए इसी ईश्वर उनकी उनके उन्हें उस उसका उसकी उसके उसे एक एवं ऐसा ओर कर करता है करते हैं करना करने कवि कहा का कारण काव्य किन्तु किया है किसी की तरह कुछ के प्रति के रूप में के लिए के साथ केवल को कोई क्या क्षण गया है चाँद चाँद का चेतना जब जा सकता जाता है जिन्दगी जीवन की जो तक तथा तो था थे दर्शन दिया दुनिया दृष्टि द्वारा धर्मवीर भारती नयी कविता नहीं है ने पर पृ० प्रकार फिर बात भी मन मनुष्य मनुष्य के मानव मुक्तिबोध की मृत्यु में भी मैं यथार्थ यह या रहा है रही रहे लेकिन वह विचार वे व्यक्ति शून्य संघर्ष सत्ता सत्य समाज सात सामने साहित्य से स्थिति हम ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो होता है होती