Kavi-śrī mālā, KaśmīrīPoems, with Hindi paraphrase; includes exhaustive introduction about the development of Kashmiri literature. |
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Common terms and phrases
१० ११ अतः अपनी अपने अब आदि आप आपका आपकी आपके इन इनके इस उनके उन्होंने उर्दू उस उसके उसे एक एवं ओर और कई कर करते करना करो कवि कविता कश्मीरी कश्मीरी भाषा कश्मीरी साहित्य कश्मीरीके कहीं का काफी कारण काव्य किया है की कुछ कृष्ण के को कोई क्या क्योंकि गई गए गया छु जब जय जय जा जाते जो तँ तक तथा तस तु तुम तो था थी थीं थे दिया दूर दो द्वारा नहीं नाम नामक नाव नॅ पण्डित पर परन्तु परमात्मा परमानन्द परमानन्दजी प्राप्त फारसी बहुत भगवान भाषा भी मन मा मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं यदि यह या युस ये रही रहे रादा राधा रामायण लिखा लो वर्धा वह वे शिव श्री संस्कृत सन् सभी समय साथ से स्वयं ही हुआ हुए हूँ हे है और हैं हो होगा होता है