Sūraja kā sātavām̐ ghōṛā: eka naye ḍhaṅga kā laghu-upanyāsaSāhitya Bhavana, 1957 - 127 pages |
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... माणिक को पकड़ पाती थी तो इनके दोनों कान उमेठती और मौके बेमौके चुटकी काट कर इनका सारा बदन लाल कर देती । माणिक मुल्ला निस्तार की कोई ...
... माणिक को पकड़ पाती थी तो इनके दोनों कान उमेठती और मौके बेमौके चुटकी काट कर इनका सारा बदन लाल कर देती । माणिक मुल्ला निस्तार की कोई ...
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... माणिक ने घबरा कर कहा- नींद नहीं लग रही है भूख लग रही है । " इतनी दयावान " भूख लग रही है । अच्छा , जाना मत ! मैं भी आई । " कह जमुना फौरन ...
... माणिक ने घबरा कर कहा- नींद नहीं लग रही है भूख लग रही है । " इतनी दयावान " भूख लग रही है । अच्छा , जाना मत ! मैं भी आई । " कह जमुना फौरन ...
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... माणिक को बुलाकर समझाया कि उन्हें माणिक पर पूरा विश्वास है , लेकिन माणिक अब बच्चे नहीं हैं , उन्हें दुनियाँ को देखकर चलना चाहिये । इन ...
... माणिक को बुलाकर समझाया कि उन्हें माणिक पर पूरा विश्वास है , लेकिन माणिक अब बच्चे नहीं हैं , उन्हें दुनियाँ को देखकर चलना चाहिये । इन ...
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Common terms and phrases
अगर अतः अपनी अपने अब आई इतना इस उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे ऐसा कभी कर करते करने कह कहा कहानियाँ कहानी का काम किया किसी की तरह कुछ के के लिये को कोई क्या क्यों क्योंकि गई गये घर चमन चाहिये जब जमुना जमुना की जा जाती जाते जीवन जैसे जो तक तन्ना तुम तो था और था कि थी और थीं थे दिन दिया दी देख देखा दो दोनों नहीं ने पर पहले प्रकाश प्रेम फिर बहुत बात बातें बाद बोली बोले भर भी मन महेसर दलाल माँ माणिक ने माणिक मुल्ला माणिक मुल्ला ने मुझे में में एक मेरे मैं मैंने यह यहाँ या रहा रही है रात लगता लगी लड़की लिली ले लेकिन वह वे सत्ती सब साथ सी से हम लोगों हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो गया होता होती होते