Premacanda, kucha saṃsmaraṇa: jinhonne Premacanda ko nikaṭa se dekhā, parakhā, samajhā unake antaraṅga saṃsmaraṇoṃ kā anūṭhā saṅkalana

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Sarasvatī Vihāra, 1980 - Authors, Hindi - 157 pages
Collection of reminiscences about Premchand, 1881-1936, Hindi litterateur.

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