Bhāratī, saṅgama se sāgaraFestschrift honoring Hindi writer Dharmvir Bharati, b. 1926, on his 61st birth anniversary; comprises articles on his life and works. |
From inside the book
Results 1-3 of 79
Page 30
... हुए हैं और मन सामाजिक विकृतियों से उदास भी रहता है । उसके कृतित्व का यह रूप बड़ी प्रखरता के साथ ' सूरज का सातवाँ घोड़ा ' में प्रकट ...
... हुए हैं और मन सामाजिक विकृतियों से उदास भी रहता है । उसके कृतित्व का यह रूप बड़ी प्रखरता के साथ ' सूरज का सातवाँ घोड़ा ' में प्रकट ...
Page 80
... हुए । सम्पादक पं ० इलाचन्द्र जोशी थे । गंगाप्रसाद पांडे , ओंकार शरद और रामनाथ अवस्थी भी उसमें शामिल हुए । ' संगम ' में भारती जी ने ...
... हुए । सम्पादक पं ० इलाचन्द्र जोशी थे । गंगाप्रसाद पांडे , ओंकार शरद और रामनाथ अवस्थी भी उसमें शामिल हुए । ' संगम ' में भारती जी ने ...
Page 144
थे , पंडे थे , बाबू लोग थे , कांग्रेसी थे , क्रांतिकारी थे , खुफ़िया ... हुए नाक- नक्शों के भीतर जीवन अपने उसी रूप में यहाँ भी स्पन्दित है ...
थे , पंडे थे , बाबू लोग थे , कांग्रेसी थे , क्रांतिकारी थे , खुफ़िया ... हुए नाक- नक्शों के भीतर जीवन अपने उसी रूप में यहाँ भी स्पन्दित है ...
Contents
भारती शतायु हों अमृतलाल नागर | 9 |
मेरे भारती राही मासूम रजा | 16 |
दुलहिन चौके न जायो रमानाथ अवस्थी | 19 |
19 other sections not shown
Other editions - View all
Common terms and phrases
अपनी अपने अब आज आप आये इलाहाबाद इस उन उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसके उसी उसे एक और कई कभी कर करते करने कविता कहा का काम किया किसी की कुछ के बाद के लिए के साथ को कोई क्या गयी गये घर जब जा जाता जाने जैसे जो तक तब तो था था कि थी थीं थे दिन दिनों दिया दिल्ली देवता दो धर्मयुग धर्मवीर भारती नहीं नाम ने पर पहले पास फिर बम्बई बहुत बांगला बांगला देश बात बाबूजी बार बालक भारती जी भारती जी के भी मन मुझे में में भी मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या याद ये रहा है रही रहे हैं रूप लगा लेकिन लेख लेखक लोग लोगों वह वहाँ वाले वे वो शुरू सकता सब समय साहित्य से हम हमारे हर हिन्दी ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो गया होती होते होने