Racanā kā sacaArticles, chiefly on contemporary Hindi literature. |
From inside the book
Results 1-3 of 62
Page 37
... की वजह से भाषा के अवमूल्यन के संकट को तीव्रता से महसूस किया गया और उसे करने वाले कवियों में परस्पर विरोधी विचारधाराओं में आस्था ...
... की वजह से भाषा के अवमूल्यन के संकट को तीव्रता से महसूस किया गया और उसे करने वाले कवियों में परस्पर विरोधी विचारधाराओं में आस्था ...
Page 84
... करने वाले लोग यह मानकर चलते हैं कि हमारे श्रेष्ठ साहित्यकारों द्वारा जो रचना - कर्म किया जा रहा है वह ग्रामीण पाठकों के लिए ...
... करने वाले लोग यह मानकर चलते हैं कि हमारे श्रेष्ठ साहित्यकारों द्वारा जो रचना - कर्म किया जा रहा है वह ग्रामीण पाठकों के लिए ...
Page 165
... किये हैं । सौन्दर्यशास्त्र दर्शनशास्त्र की ही एक शाखा है , अतः इस पर दार्शनिक दृष्टि से विचार किया जाना भी स्वाभाविक होता ; लेकिन ...
... किये हैं । सौन्दर्यशास्त्र दर्शनशास्त्र की ही एक शाखा है , अतः इस पर दार्शनिक दृष्टि से विचार किया जाना भी स्वाभाविक होता ; लेकिन ...
Common terms and phrases
अज्ञेय अधिक अनुभव अनुभूति अपनी अपने अलग अहसास आधुनिक इन इस इसलिए इसी उन की उन के उस उस के उसकी उसके उसे कई कर करता है करती करते हैं करना करने कला कवि कविता कविताओं का काव्य कि वह किया किसी की ओर की कविता की तरह कुछ के प्रति के रूप में के लिए के साथ केवल को कोई क्या गया जब जा सकता जाता है जाने जिस जीवन तक तरह तो था दृष्टि नहीं है निर्मल वर्मा ने पर परिवेश पहचान प्रकार प्रकृति प्रक्रिया बल्कि बहुत बात भाषा भी मानवीय में में भी मैं यदि यह यही या रचना रहा है रही रहे लेकिन लेखक वह विचार वे शायद सकता है सकती सभी सम्प्रेषण सम्भव साहित्य साहित्य के से स्तर हम हमारे हिन्दी ही ही नहीं हुआ हुई हुए है और है कि है जो है तो हैं हो जाती होगा होता है होती होते होने