Reṇu se bheṇṭa: Phaṇīśvaranātha Reṇu se bheṇṭavārttāoṃ kā saṅkalana

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Vāṇī Prakāśana, 1987 - Authors, Hindi - 128 pages
Transcript of interviews with Phaṇīśvaranātha Reṇu, Hindi writer, about his life and career as a writer.

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Contents

रॉबिन शॉ पुष्प
30
जुगनू शारदेय
79
यादवेन्द्र पांडेय
92

Common terms and phrases

अपनी अपने अब अभी आज आदमी आन्दोलन आप आपने इन इस इसी उनके उन्होंने उस उसके उसे ऐसा ओर और कई कभी कर करते करना करने कल्याण कहा कहानी का काम किया किसी की की बात कुछ के बाद के लिए के साथ को कोई क्या क्यों क्षेत्र गई गए गाँव घर चुनाव जब जमीन जा जाता है जीवन जेल जो तक तब तरह तीसरी कसम तो था थी थे दिन दिनमान दिया दी दो धान नहीं नहीं है नाम ने पटना पर परती पहले पार्टी पूर्णिया फिर बहुत बार बिहार भारत भी मुझे में में भी मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ यही या ये रहा है रही रहे हैं राजनीति रेणु जी लगा लेकर लेकिन लेखक लोग लोगों वह वहाँ वाले वे शहर शुरू सकता सब समय से हम हर ही हुआ हुई हुए हूँ है कि हैं हो गया होगा होता है होती होने

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