Āga, āñcala aura āṃsūMudraka Pratibhā Priṇṭiṅga Presa, 1968 - 157 pages |
From inside the book
Results 1-3 of 89
Page 24
... गई है , उसके हाथ कृष्ण के बालों पर टिक गये हैं और चेतना फिर क्षीण होने लगी है । अब देर मत करो , इन्हें नीचे उतार लो इनका अन्तिम समय आ गया ...
... गई है , उसके हाथ कृष्ण के बालों पर टिक गये हैं और चेतना फिर क्षीण होने लगी है । अब देर मत करो , इन्हें नीचे उतार लो इनका अन्तिम समय आ गया ...
Page 26
... जा रही है और कल प्रातः यह शव भी नहीं रहेगा । भोर होते ही घर फिर लोगों से भरने लग गया है । वे चाहते हैं नौ बजे से पहले ही दाह - संस्कार ...
... जा रही है और कल प्रातः यह शव भी नहीं रहेगा । भोर होते ही घर फिर लोगों से भरने लग गया है । वे चाहते हैं नौ बजे से पहले ही दाह - संस्कार ...
Page 63
... गया , उसे लगा जैसे समय एक स्थान पर क गया है । पृथ्वी ने सूर्य की परिक्रमा छोड़ दी है और उस के साथ साथ जैसे उसका श्वांस भी रुक रुक कर चलने ...
... गया , उसे लगा जैसे समय एक स्थान पर क गया है । पृथ्वी ने सूर्य की परिक्रमा छोड़ दी है और उस के साथ साथ जैसे उसका श्वांस भी रुक रुक कर चलने ...
Common terms and phrases
अगर अधिक अपना अपनी अपने अब अभी आज आप आपको आया इस उनके उन्हें उस उसका उसकी उसके उसने उसे एक और कभी कमरे कर करते करने कहा का कि किया किसी की की ओर कुछ कृष्ण को कृष्ण ने के पश्चात् के लिए के लिये के साथ केवल को कोई क्या क्यों खाना गए गया है गये घर चल चला चाय जब जा जाता जाने जीवन जैसे जो तक तुम तुम्हारे तुम्हें तो था थी थे दिन देखा दो दोनों नहीं है नाम ने पूछा पर परन्तु पहले पास प्रकार फिर बहुत बात बातें बार बाहर बोले ब्रह्मचारी भी भी नहीं मधु मन मां माया मुझे में मेरे मैं मैंने यह यहां रहा है रही रहे रिक्शा लगा लुधियाना ले वर्मा जी ने वह वहां वे व्यक्ति संसार सकता सब समय सरिता सुरेन्द्र जी से स्कूल ही हुआ हुई हुए हूं है और हैं हो गई होगा