Maśāla: UpanyāsaNilābha Prakāśana, 1957 - 240 pages |
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... या नहीं , प्यास लगी है या नहीं ? कभी - कभी बेहद परेशान हो कर मास्टर जब लड़का पेशाब करने की छुट्टी मांगने आता है , तो उसे फटकार सुनाता ...
... या नहीं , प्यास लगी है या नहीं ? कभी - कभी बेहद परेशान हो कर मास्टर जब लड़का पेशाब करने की छुट्टी मांगने आता है , तो उसे फटकार सुनाता ...
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... या मजदूर सभा की किसी - न - किसी मिटिंग में श्राज तक बराबर ले जाता रहा हूँ कि तुम वहाँ की बातें सुनो और समझो । पर मालूम होता है कि तुमने ...
... या मजदूर सभा की किसी - न - किसी मिटिंग में श्राज तक बराबर ले जाता रहा हूँ कि तुम वहाँ की बातें सुनो और समझो । पर मालूम होता है कि तुमने ...
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... या सिनेमा , क्लब या पिकनिक का प्रोग्राम बना सकीना को छुट्टी न देते । " अच्छा , अगले इतवार को चलना , ” कह कर मंजूर सकीना को बहला देता और ...
... या सिनेमा , क्लब या पिकनिक का प्रोग्राम बना सकीना को छुट्टी न देते । " अच्छा , अगले इतवार को चलना , ” कह कर मंजूर सकीना को बहला देता और ...
Common terms and phrases
अपना अपनी अपने अब आँखें आँखों आज आदमी आप इस उठा उनके उन्हें उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसे और करता करने कह कहा कहाँ का कानपुर काम कि किया किसी की ओर की तरह कुछ के पास के लिए को कोई क्या क्यों गयी गये घर जब जा जाने जिन्दगी जैसे जो तक तुम तो थी थीं दिन दिया दुनिया दे देख देखा देश दो नरेन नरेन ने नहीं ने ने कहा पड़ा पर पानी फिर बहुत बात बातें बाद बार बोला बोली भर भाभी भी मंजूर मजदूर मजदूरों मदीना माँ मालूम मिल मुँह मुझे में मैं यह यहाँ या याद रह रहा था रहा है रही थी रहे थे रूस लगा लगी लिया ले लेकिन वक्त वह वहाँ वे शकूर श्राज सकीना सकीना की सब समझ साथ सामने साहब सिर से हम हर हाथ ही हुआ हुई हुए है हैं हो गया होता