Aparicitā

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Nava Sāhitya Prakāśana, 1967 - Hindi fiction - 144 pages

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Contents

Section 1
17
Section 2
30
Section 3
54

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Common terms and phrases

अधिक अनुभव अपना अपनी अपने अपने को अब आज आप आया इस उस उसका उसकी उसके उसने उसे एक ऐसा ओर कभी कर करता हूँ करती करते कहा कहीं का कि किन्तु किया किसी की की ओर की तरह कुछ भी नहीं के लिए के लिये के साथ केवल को कोई क्या क्षण गई गई थी गई है गया था गया है गये घर चाय जब जा जाता है जाती जाने जिन्दगी जीवन जैसे जो तक तब तुम तुम्हें तो था थी थे दिन दिया दिल दिल्ली दूर ने पर परीती फिर बहुत बात बातें बार बाहर मन मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ रह रहा रहा था रही रही है रहे हैं लगता है लगा लगी लिया लेकर लोग वह वैसे ही शायद श्रीनगर समय सा सी सुनीता से हम हाथ ही हुआ हुई हुए हुये हूँ है और हैं हो गई होता है होती

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