Gaṇita śāstra ke vikāsa kī Bhāratīya paramparāStudy of ancient Hindu mathematics based on mythological texts. |
Contents
Section 1 | 3 |
Section 2 | 17 |
Section 3 | 39 |
Section 4 | 41 |
Section 5 | 57 |
Section 6 | 83 |
Section 7 | 107 |
Section 8 | 139 |
Section 11 | 207 |
Section 12 | 241 |
Section 13 | 259 |
Section 14 | 271 |
Section 15 | 307 |
Section 16 | 345 |
Section 17 | 359 |
Section 18 | 382 |
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Common terms and phrases
अतः अथवा अनेक अन्य अर्थ अर्थात् आकार आदि आर्यभट इन इस प्रकार है इसका इससे इसे उदाहरण उस एक कर करके करते हुए करने के लिये करने पर कर्ण कहा का का क्षेत्रफल का मान किया गया है किया है किसी की कुल के अनुसार के लिये के वर्ग के साथ के सूत्र को कोई कोटि क्रमशः गणितज्ञ गुणक गुणनफल चतुर्भुज जा जाता है जैसे जो ज्ञात तथा तो त्रिज्या त्रिभुज दो दोनों द्वारा धन नहीं नाम नियम ने पद परिमाप पूर्वोक्त प्रकट प्रकार के प्रथम प्रदान प्रमाण प्रयोग प्रस्तुत प्राचीन प्राप्त करते हैं प्राप्त होता है बीजगणित ब्रह्मगुप्त भास्कराचार्य ने भी भुज भुजा भुजाओं में यह यहाँ या योग राशि रूप में लम्ब लीलावती वर्गमूल वह वाली वाले विकर्ण वृत्त व्यास शब्द शुल्ब सूत्र शेष श्लोक संक्रमण संख्या समकोण समान समीकरण समीकरण के सिद्ध सूत्र के से से गुणित हल ही है कि हो होती होते हैं