Gajānana Mādhava Muktibodha: jīvana aura kāvyaOn the life and works of Gajanan Madhav Muktibodh, 1917-1965, Hindi poet. |
Contents
विषय प्रवेश E१२ | 9 |
परिस्थिथियाँ एवं जीवनदर्शन २५४० | 32 |
तारसप्तक ४५ | 39 |
5 other sections not shown
Common terms and phrases
अज्ञेय अधिक अनुभव अपनी अपने आज आदि इन इस इस प्रकार इसी उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसकी उसके उसे एक एवं कभी कर करता है करती करते हैं करने कवि कविता के कविता में कविताएँ का का मुँह टेढ़ा कारण काव्य किन्तु किया है किसी कुछ के प्रति के रूप में के लिए के साथ केवल को कोई गई गए गजानन माधव मुक्तिबोध गया चाँद चाँद का मुँह चेतना छन्द जाती है जीवन के जो डॉ० तक तथा तरह तारसप्तक तो था थी थे दिया दृष्टि द्वारा नयी नये नहीं नहीं है ने पर पृ० प्रकाशन प्रयोग बहुत बिम्ब बिम्बों भारत भाव भाषा भी माधव मानव मुँह टेढ़ा है मुक्तिबोध की मैं यह या युग ये रस रहे वर्ग वह वे व्यक्ति व्यक्तित्व शब्दों श्री संघर्ष सन् समय समाज से स्थिति हम हिन्दी ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो होता है होती होने