Kavi Aur Kavitaकवि और कविता राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के छब्बीस विचारोत्तेजक निबन्/ाों का पठनीय ही नहीं, संग्रहणीय संकलन है । इस संग्रह मेंµमैथिल कोकिल विद्यापति, विद्यापति और ब्रजबुलि, कबीर साहब से भेंट, गुप्तजी % कवि के रूप में, महादेवीजी की वेदना, कविवर मधुर, रवीन्द्र–जयन्ती के दिन, कला के अर्धनारीश्वर, महर्षि अरविन्द की साहित्य–साधना, रजत और आलोक की कविता, मराठी के कवि केशवसुत और समकालीन हिन्दी कविता, शेक्सपियर, इलियट का हिन्दी अनुवादµजैसे शाश्वत विषयों के अतिरिक्तµकविता में परिवेश और मूल्य, कविता, राजनीति और विज्ञान, युद्ध और कविता, कविता का भविष्य, महाकाव्य की वेला, हिन्दी–साहित्य में निगम–धारा, निर्गुण पन्थ की सामाजिक पृष्ठभूमि, सगुणोपासना, हिन्दी कविता में एकता का प्रवाह, सर्वभाषा कवि–सम्मेलन, नई कविता के उत्थान की रेखाएँ, चार काव्य–संग्रह, डोगरी की कविताएँµजैसे ज्वलंत प्रश्नों पर राष्ट्रकवि दिनकर का मौलिक चिन्तन आज भी उतना ही सार्थक और उपादेय है । सरल–सुबोध भाषा–शैली तथा नए कलेवर में सजाई सँवारी गई कविवर–विचारक दिनकर की यह एक अनुपम कृति है । |
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Contents
मैथिल कोकिल विद्यापति | 11 |
महादेवीजी की वेदना | 31 |
रवीन्द्रजयन्ती के दिन | 49 |
महर्षि अरविन्द की साहित्यसाधना | 79 |
रजत और आलोक की कविता | 114 |
मराठी के कवि केशवसुत और समकालीन हिन्दी कविता | 123 |
शेक्सपियर | 130 |
कविता राजनीति और विज्ञान | 145 |
हिन्दी कविता में एकता का प्रवाह | 193 |
सर्वभाषा कविसम्मेलन | 199 |
डोगरी की कविताएँ | 216 |
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Common terms and phrases
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