Prabhavatiमहाकवि निराला के उपन्यास-साहित्य में प्रभावती एक ऐतिहासिक उपन्यासकृति के रूप में चर्चित है। इसका कथा-फलक पृथ्वीराज-जयचन्दकालीन राजाओं और सामन्तों के पारस्परिक संघर्ष पर आधारित है। इस संघर्ष का कारण प्रायः विवाह और कन्यादान हुआ करता था। प्रभावती भी, जो एक किलेदार की कुमारी है, एक ऐसे ही संघर्ष का केन्द्र है। लेकिन इस स्वाभिमानी नारी-चरित्र के पीछे निराला का उद्देश्य आधुनिक भारतीय नारियों में संघर्ष-चेतना का विकास करना भी रहा है। यही कारण है कि प्रभावती और यमुना-जैसे नारी-पात्र स्वयं खड्गहस्थ हैं और नैतिकता के लिए कोई भी बलिदान करने को सन्नद्ध हैं। वस्तुतः निराला के गहरे ऐतिहासिक बोध और कवि- कल्पना का इस उपन्यास में अद्भुत सम्मिश्रण हुआ है - ओज और माधुर्य का अपूर्व निर्वाह। |
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Contents
Section 1 | 7 |
Section 2 | 9 |
Section 3 | 13 |
Section 4 | 22 |
Section 5 | 26 |
Section 6 | 55 |
Section 7 | 60 |
Section 8 | 77 |
Section 10 | 94 |
Section 11 | 115 |
Section 12 | 119 |
Section 13 | 126 |
Section 14 | 149 |
Section 15 | 157 |
Section 16 | 170 |
Section 17 | 178 |
Section 9 | 81 |
Common terms and phrases
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