Rasatarangini Of Sadanandsharmavirchit

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Common terms and phrases

अच्छी तरह अतः अथ अथवा अधिक अब इस अभ्रक आदि इति इन इस प्रकार इसके इसको इसमें इसे उक्त उत्तम उसमें उसे ऊपर एक एकत्र कर करके करता है करना चाहिये कहते हैं कहा जाता का कि की की भस्म कुछ के लिए के लिये के साथ को को एक को नष्ट खरल में खलु गन्धक गुणाः चाहिए चूर्ण जब जल जाती जाते हैं जाय तो टी तक ततः तथा ताम्र तीन तु तोला दिन दूध दूर दें देने दो द्वारा नहीं नाम पर पारद पुट प्रयोग फिर बना बार भस्म भस्म को भा भा.टी भाग भी मर्दन मारण मिला मिलाकर मुख में यदि यह या रख रखकर रत्ती रस रूप रोग रोगों लें लेकर लोह वक्तव्य वह वा विधि से शरीर में शान्त शीघ्र ही शीशी शुद्ध शोधन सब समभाग सात सेवन करने से स्वरस स्वर्ण ही हुई हुए है और हो जाता है होता है होती

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