Ātī hai jaise mr̥tyuVāgdevī Prakāśana, 1990 - 80 pages |
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... पहाड़ थोड़ी - सी तेज़ हवा में खिरने लगता है । अभी यह पत्थर नहीं हुआ । 1989 1990 दया दया करती हुई मुझ पर वह सौंप देती आती है जैसे मृत्यु 19.
... पहाड़ थोड़ी - सी तेज़ हवा में खिरने लगता है । अभी यह पत्थर नहीं हुआ । 1989 1990 दया दया करती हुई मुझ पर वह सौंप देती आती है जैसे मृत्यु 19.
Page 51
... है अकारण मुझ पर - हवा उलझी हुई रेत पर झुंझलाये जैसे अक्सर वह · · .... 1987 1989 आशिष ' पोर - पोर को छका डालूंगी ' आती है जैसे मृत्यु 51.
... है अकारण मुझ पर - हवा उलझी हुई रेत पर झुंझलाये जैसे अक्सर वह · · .... 1987 1989 आशिष ' पोर - पोर को छका डालूंगी ' आती है जैसे मृत्यु 51.
Page 68
... एक चल रहा चाल दूसरा मनोयोग से मिला रहा ज़र्दे में चूना । छुट्टियाँ कहीं नहीं होती हो चाहे हवा फेरी वाली खिड़की 68 आती है जैसे मृत्यु.
... एक चल रहा चाल दूसरा मनोयोग से मिला रहा ज़र्दे में चूना । छुट्टियाँ कहीं नहीं होती हो चाहे हवा फेरी वाली खिड़की 68 आती है जैसे मृत्यु.
Common terms and phrases
अक्सर अचानक अन्दर अपनी अपने में अब भी है अभी आँखों आँगन आती है जैसे आत्मा आने आयीं इस उगी हो उतर गयी है उस को उसे ऊँची एक और कभी करती हुई कहीं का कि कितना किसी की कुछ के के बीच के लिए क्या खुद को खुल कर गये गलियाँ गो गोबर घनी घर चौक छतें जब जल जाता है जाती जाते हैं जानती जाने जो झील तंग तक तब भी तुम तुम्हारे तुम्हें तो था दया दुनिया दुपहर देती देह दो नदी नहीं कोई पर पल फिर बन्द बारिश बाहर बीकानेर बेघर हुआ जाता बैठी भर मुझ मुझे मेरा प्यार मेरी मेरे मैं मैंने यदि यह या याद रहा रही है रहूँगा रेत लगी लेकिन लौट वह शाम सब सभी समतल नहीं है सा सारी सी सूनापन सूरज से हँसी हर हरा हवा ही हुआ हुई हुए हूँ है जैसे मृत्यु है मेरा होता होती होने