GaharāīyāṃSanmārga Prakāśana, 1970 - 228 pages |
Common terms and phrases
अतुल ने कहा अतुल बाबू अपना अपनी अपने अब अवस्था आई आज आदमी आप आया इतना इस उस उसका उसकी उसके उसने उसी समय उसे एक ऐसा और कर करता कल्याणी कहते का किन्तु किया किसी की ओर की बात कुछ के को कोई क्या क्यों गंगा गया है गयी गये घर जब जा जाता जाने जिस जी जीवन जैसे जो तभी तुम तुम्हारे तू तो था कि थी थे दिन दिया दे देख देखकर देखा धरती ने धरती मां नगर नर्वदा ने नहीं नारी पद्मा पर परन्तु पास पिता प्रोफेसर फिर बनकर बना बाबू बोला बोली भगवान भला भाव से भी भी नहीं मन में माँ मुझे में मेरे मैं मैंने यह यहां यही रहा था रही रामनाथ रुपया लगा लड़की लाला लाला दौलतराम लिए लिया वह वहां विष्णु वे व्यक्ति सकता सभी समाज से हरीश हां ही हुआ हुई हुए हूं है कि हैं हो गया