्शायमाल िह्लस: व्रतामन ारजैनितक, ासामिजक एंव ्पराशसिनक पिरेवश पर ्पराहर करात एक ासिह्तियक उप्नायस

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Medhā Buksa, 2005 - Hindi fiction - 358 pages
Author's first novel which brings into focus the obstacles a female official faces in society, politics and her workplace.

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