Urdū-śāyarī āzādī ke bāda

Front Cover
Lokabhāratī Prakāśana, 1991 - Urdu poetry - 359 pages

From inside the book

Common terms and phrases

अंग्रेज़ी अपना अपनी अपने अब आंदोलन आज आये इक इन इस इसी ईरान उनकी उनके उन्होंने उस उसकी उसके एक एवं एशिया ओर और कर करते करना करने कवि कविता कवियों ने कहते हैं का काव्य किया है किसी की कुछ के बाद के लिए के लिये के साथ को कोई क्या गयी गये गांधी चीन जनता जब जा जाता जाती जाने जीवन जो तक तुम तेरी तो था थी थे दिया दिल देश देश की दो दोनों नहीं नहीं है नाम ने पर परंतु पाकिस्तान प्रकार प्राप्त फिर बहुत बात भारत भारत के भाषा भी महात्मा महात्मा गांधी में भी मेरी मेरे मैं यह या ये रहा है रही रहे हैं राजनीतिक रात रूप में रूस लिया वह विचार विशेष वे वो सकती समय सरकार साहित्य से स्वतंत्रता हम हर हिंदी ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो गया होगा होने

Bibliographic information