Āja taka kī: Hindī-kavitā, '61-'66: samakālina Hindī-sāhitya kā eka taṭastha adhyayana |
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... करता हूँ घर में बन्द वह सन्दूक करता हूँ महसूस हाथ में पिस्तौल बन्दूक !! 1 मुक्तिबोध का प्रवाह चेतनानुकूल है , यह स्वयं आधुनिक ...
... करता हूँ घर में बन्द वह सन्दूक करता हूँ महसूस हाथ में पिस्तौल बन्दूक !! 1 मुक्तिबोध का प्रवाह चेतनानुकूल है , यह स्वयं आधुनिक ...
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... करता था जो आज कोई बड़ा उपन्यास जैसे , “ गोदान ” , “ मैला आँचल " - करता है , अर्थाव मानव समुदाय , काल को अपने में समेट लेता है ६० ] [ श्राज तक ...
... करता था जो आज कोई बड़ा उपन्यास जैसे , “ गोदान ” , “ मैला आँचल " - करता है , अर्थाव मानव समुदाय , काल को अपने में समेट लेता है ६० ] [ श्राज तक ...
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... करता है जो रहस्य दार्शनिकों को विचारने , वैज्ञानिकों को अनुसंधान करने को प्रवृत्त करता है । हाँ , ' गीताञ्जलि ' की अपनी सीमा है , इसका ...
... करता है जो रहस्य दार्शनिकों को विचारने , वैज्ञानिकों को अनुसंधान करने को प्रवृत्त करता है । हाँ , ' गीताञ्जलि ' की अपनी सीमा है , इसका ...
Common terms and phrases
१६६६ अंग्रेजी अज्ञेय अनुभूति अपनी अपने अब इन इस इसकी इसके इसमें इसलिए इसलिये इसी उनके उर्दू उर्वशी एवं कथा कबीर कर करता करने कवि कवि की कविता के कविता में कविताएँ कवियों का कारण काव्य काव्य की काव्य में किया है की कुछ को कोई क्या गई गया गीत गुप्त चिंतन चेतना जगदीश गुप्त जब जा जाती जीवन जो तक तथा तुक तो था थी थे दर्शन दिनकर दो दोनों द्वारा नई नहीं है निराला ने पंत पर परन्तु प्रकार प्रति प्रभात प्रसाद फिर बहुत बांसुरी बात बाद महाकाव्य माखनलाल मिश्र में भी मैं यह यही या युग ये रचना रस रहा है रही रहे हैं रामधारी सिंह दिनकर लिये वरन् वर्त्तमान कविता वह विवेक व्यक्त शक्ति शब्द शब्दों सकता है सकती सदी सन् सभी समाज साथ साहित्य सिंह से स्वयं स्वर हमारे हिन्दी कविता ही नहीं हुआ हुई हुए हूँ है और हैं हो होता होती है