Āja taka kī: Hindī-kavitā, '61-'66: samakālina Hindī-sāhitya kā eka taṭastha adhyayana |
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... तराने लिखे , " तो मार्क्स , हेगल , लेनिन की बांसुरी निकट से ६४ ] [ श्राज तक की जब ब्रजभाषा में लीला कीर्त्तन न भज कर कवि ने सामाजिक.
... तराने लिखे , " तो मार्क्स , हेगल , लेनिन की बांसुरी निकट से ६४ ] [ श्राज तक की जब ब्रजभाषा में लीला कीर्त्तन न भज कर कवि ने सामाजिक.
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... बांसुरी निकट से सुनाई पड़ने लगी थी । यह सब आधुनिकता ही थी और है , लेकिन जिस आधु- निकता से हमारी पीढ़ी , अर्थात् सन् १ ९ २८ - ३० में जो ...
... बांसुरी निकट से सुनाई पड़ने लगी थी । यह सब आधुनिकता ही थी और है , लेकिन जिस आधु- निकता से हमारी पीढ़ी , अर्थात् सन् १ ९ २८ - ३० में जो ...
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... बांसुरी को पर्वतों एवं उपत्यकाओं पर तू ले चला है इसे नव्य दिव्य सुरों में फूंका है । ' उपनिषदों एवं कबीर , नानक , दादू के पद्यों के ...
... बांसुरी को पर्वतों एवं उपत्यकाओं पर तू ले चला है इसे नव्य दिव्य सुरों में फूंका है । ' उपनिषदों एवं कबीर , नानक , दादू के पद्यों के ...
Common terms and phrases
१६६६ अंग्रेजी अज्ञेय अनुभूति अपनी अपने अब इन इस इसकी इसके इसमें इसलिए इसलिये इसी उनके उर्दू उर्वशी एवं कथा कबीर कर करता करने कवि कवि की कविता के कविता में कविताएँ कवियों का कारण काव्य काव्य की काव्य में किया है की कुछ को कोई क्या गई गया गीत गुप्त चिंतन चेतना जगदीश गुप्त जब जा जाती जीवन जो तक तथा तुक तो था थी थे दर्शन दिनकर दो दोनों द्वारा नई नहीं है निराला ने पंत पर परन्तु प्रकार प्रति प्रभात प्रसाद फिर बहुत बांसुरी बात बाद महाकाव्य माखनलाल मिश्र में भी मैं यह यही या युग ये रचना रस रहा है रही रहे हैं रामधारी सिंह दिनकर लिये वरन् वर्त्तमान कविता वह विवेक व्यक्त शक्ति शब्द शब्दों सकता है सकती सदी सन् सभी समाज साथ साहित्य सिंह से स्वयं स्वर हमारे हिन्दी कविता ही नहीं हुआ हुई हुए हूँ है और हैं हो होता होती है