Bihārī-SatasaīNāgarīpracāriṇī Sabhā, 1977 - 773 pages |
Common terms and phrases
१६ १६६ २० २६ २६६ ३६ ३६६ ४६६ ५६६ ६६ ६६६ अपने अर्थ अलंकार इस इससे उत्तर एक कर कवि की उक्ति कहा का वचन नायक का वचन सखी काम कारण किया किसी कुछ कृष्ण के कै को कोई कौ क्यों गई चंद्रमा छेकानुप्रास जैसे जो टीका तथा तातपर्य यह तू तो तौ था थी थे दिया देख दोनों दोहे नही नहीं नाम नायिका ने नैन पद पर पिय प्रकार प्रति प्रथम प्रश्न प्रेम बात बिहारी भाँति भी मन मान मुख में मैं यमक यह यह कि यह सखी का यहाँ या ये र० रंग रस रही रीति रूप लाल लिये वचन नायक से वचन सखी से वर्णन वह वे शब्द श्री श्रौ श्रौर श्लेष संस्कृत सखी का वचन सखी से है सब समय साथ सी सु सो स्पष्ट है हाथ ही हुआ हुई हुए हे है और है कि हैं हो होता है