Mujhe mata roko

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Vidyā Prakāśana Mandira, 1968 - Hindi fiction - 200 pages

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Contents

Section 1
5
Section 2
21
Section 3
29

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Common terms and phrases

अच्छा अपना अपनी अपने अब अभय अभयबाबू ने अभी अवस्था आज आत्मा आदमी आया इतना इन्सान इस उन्हें उस उसका उसकी उसके उसने उसी समय उसे एक ऐसा और कर करता करना करने कह का काम किन्तु किया किसी की ओर की बात कुछ के के लिये को कोई क्या गया गयी गये गोपा घर जब जा जाता जाने जिस जीवन जैसे जो तभी तुम तुम्हारे तो था था कि थी थे दिन दिया देखा देश दो धरती नगर नजीर नहीं पर परन्तु पास पिता फातिमा ने फिर बन बना बाबू बाबू ने बोली भाभी भावना भी भैया मजदूर मत मन में मिल मुँह मुझे मेरा मेरे मैं मैंने यह यहाँ यही रहा है रही रहे रुपया लगा लिया लेकिन वह वहाँ विवाह वे सकता सभी समाज साधना ने कहा साधना बोली सुनील ने सुनील बोला से हाँ ही हुआ हुए हूँ है कि हैं हो होगा होता

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