Prācīna Bhārata meṃ striyoṃ ke krīṛā evaṃ manovinoda |
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... वह अर्द्धांगिनी थी । वह न तो घर की दीवारों से बंधी थी और न परदे से ढँकी थी । वैदिक काल में उसकी स्वतंत्रता , उसका गौरव और उसके अधिकार ...
... वह अर्द्धांगिनी थी । वह न तो घर की दीवारों से बंधी थी और न परदे से ढँकी थी । वैदिक काल में उसकी स्वतंत्रता , उसका गौरव और उसके अधिकार ...
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... वह किसी प्रकार अनुन्नत नहीं थी । ऋग्वेद में नववधू को गृह की साम्राज्ञी कहा गया है । वह पति के प्रत्येक कार्य में सहयोग देती थी । सभी ...
... वह किसी प्रकार अनुन्नत नहीं थी । ऋग्वेद में नववधू को गृह की साम्राज्ञी कहा गया है । वह पति के प्रत्येक कार्य में सहयोग देती थी । सभी ...
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... वह मर्यादा का निर्वाह करती थी 1 भारत में नारी गृहणी थी । घर का सारा उत्तरदायित्व घरेलू कार्यों में वह पुत्री , पत्नी तथा माता के रूप ...
... वह मर्यादा का निर्वाह करती थी 1 भारत में नारी गृहणी थी । घर का सारा उत्तरदायित्व घरेलू कार्यों में वह पुत्री , पत्नी तथा माता के रूप ...
Common terms and phrases
अथर्ववेद अपने आदि इन इस इस प्रकार उत्सव उत्सवों उल्लेख मिलता है उस ऋग्वेद एक एवं और कर करती थीं करने के कला कलाओं कहा गया है कामसूत्र कारण काल में कालिदास किन्तु किया है की कुछ के लिए के साथ को क्रीड़ा क्रीड़ाओं खेल गई गया है कि गये गीत ग्रन्थों में चित्र चित्रकला जाता था जो ज्ञात होता है तक तथा थी थे दिया द्वारा नहीं नाटक नाम नृत्य ने पत्नी पर पुराण पृ० प्रकार के प्राचीन भारत में प्राप्त होता है बम्बई ब्राह्मण भाग भी मनोरंजन के मनोविनोद महाभारत में भी में स्त्रियों यह या रघुवंश राजा रामायण रूप से वर्णन वह वही वाद्य वाराणसी विशेष विष्णु वीणा वे वैदिक काल शतपथ ब्राह्मण शिक्षा संगीत समय समाज से स्त्रियाँ स्त्रियों के स्त्री स्पष्ट ही हुआ है हुई हुए हैं हो होता था होता है कि होती थी होते होने