Rājasthānī śaktti kāvya

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Sāhitya Akādemī, 1999 - Rajasthani poetry - 539 pages
Rajasthani Shakti Kavya: An Anthology Of Rajasthani Bhakti Poetry Compiled By Bhanwar Singh Samore.

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Contents

Section 1
7
Section 2
15
Section 3
45
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अम्बा अवतार असुर आज आद आदि आप आय आव आवड़ देवी आवड़ा इन्द्र इस इसी ईसरी ऊपर एक एवं कर करणी करनला करनी करै कवि कारण काव्य किया की के के रूप में को गंगा गया गाँव गुजरात घर चंडी चारण चाळक छन्द जग जगदम्बा जय जाता है जाती जिय जी जैसलमेर जो जोत तणी तथा तुं तूं ही तैं तो था थे दिन दिया दुख दे देव देवल देवियों देवी का धर ध्यान नमो नव नहीं नाम नामक निज नित ने नै पर पार पुत्र प्रकार प्रसिद्ध बाई बीस भवानी भी मन मन्दिर मा मां माडी मात माता में भी यह ये रंग रमै रा रांमत राज राजस्थान राय राव रास री रै रै रूप रो रौ लोक वाळी विष्णु वेद शक्ति श्री सगत सदा सब सहाय सात साथ साद सिंध सिन्ध सिर सुख सुर सूं से स्थान हाथ हिंगळाज हुआ हुई है हैं हो

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