रुघीवर साहय रचानवील |
Common terms and phrases
अपना अपनी अपने अब अभी आज आप आया इस इसी उनकी उनके उस उसकी उसके उसे एक और कभी कर करता करते हैं कवि कविता कविताएँ कह कहा कहीं का काम किया किसी की कुछ के लिए को कोई क्या क्यों क्योंकि क्षण गई गए गया घर जब जहाँ जा जाता है जाती जाते हैं जाने जी जीवन जैसे जो तक तब तरह तुम तो था थी थे दिन दिया दिल्ली दुख दुनिया दूर दे दो दोनों नहीं नहीं है ने पर पहले पास प्यार फिर बहुत बात बार भर भारत भी मन मुझे में में प्रकाशित मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यदि यह यही या याद ये रघुवीर सहाय रह रहा है रही रात ले लोग वर्ष वह वे सकता सब समय समाज साथ सी से हम हर हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि है वह हैं हो होगा होता होती ऽ ऽ