Satya kā śeshāṃśa |
Common terms and phrases
अपनी अपने अब अरुणा आज आप इन इस इसी उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा ऐसी ऐसे और कभी कर करके करती करना करने कहा का काम किया किसी की तरह कुछ के लिए के साथ को कोई क्या क्यों खुद गई गए गया घर घर में जब जा जाती जाने जिन्दगी जो तक तब तुम तुम्हारी तुम्हें तो था थी थीं थे दिन दिया दी दे देख दो नहीं है नारी ने पति पत्नी पर पास पुरुष प्रतिमा प्रेम फिर बच्चे बड़ी बहुत बात भी भी नहीं मन मां जी मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यही या ये रंजन चैटर्जी रह रहा रही है रहे रूमा लगता लगा लिया ले लेकिन लोग वह वही सकता सकती सब समीरा सामने सुख सुनन्दा बाई से स्त्री हर ही हुआ हुई हुए हूं है कि हैं होगा होता होती होने