Hindī kahānīGranthāyana, 1991 - Short stories, Hindi |
Contents
संगसार नासिरा शर्मा | 32 |
उसके हिस्से का पुरुष पुष्पा सक्सेना | 56 |
अपराधबोध इंदिरा नुपूर | 67 |
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Common terms and phrases
अपना अपनी अपने अब आज आप आया इस उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसने उसे एक ऐसा ओर और कभी कर करते करने कह कहा कहीं का काम कि किया किसी की कुछ के लिए के साथ को कोई क्या क्यों गई गए गया था गयी गये घर चाय जब जा जाता जाती जाने जी जैसे जो तक तुम तो था कि थी थीं थे दिन दिया दी दे देख देखा दो नकुल नहीं ने पता पर पहले पास फिर बहुत बात बाबू बार बाहर भर भी भी नहीं मन माँ मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या ये रह रहा था रहा है रही रही थी रहे थे रात रामबाबू लगा लगी लिया ले लेकर लेकिन लोग लोगों वह वहाँ वे सकता सब सामने सुमित्रा से हम हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ है है कि हैं हो गया होगा होता