Is akal vela men

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Vāṇī Prakāśana, 1988 - Hindi poetry - 254 pages

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Contents

रात प्रभात
25
हिल स्टेशन
50
एक ही नाटक बारबार
56

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Common terms and phrases

अथवा अपना अपनी अपने अब अब तक अर्थ आँखों आदमी इस ईश्वर उस उसकी उसके उसे और औरत कभी कर करता करती करते करने कविता कहा कहीं का काली कि किन्तु किया किसी की तरह कुछ के नीचे के बाद के लिए के साथ केवल को कोई क्या क्यों क्योंकि गई गए गया है घर चाय चाहिए जंगल जब जाता है जाती जाते जाना जाने जीवन जो तुम तुमने तुम्हारे तो था थी थे दास दिन दिया दीवार दो दोनों नदी नहीं है नाम नींद ने पर पहले पास फिर बन बन्द बहुत बात बार बाहर बिल्ली बीच भी मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यही या रह रहता है रहती रहना रहा रही रहे राजकमल रात लिया लेकिन लोगों वह वही वापस वे शब्द शरीर शहर सफेद समय सिर्फ से स्त्री हम हमारे हर हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ हैं हो होगा होता है होती

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