Rādhā. [lekhaka] Jānakīvallabha Śāstrī, Volume 1

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Lokabhāratī Prakāśana, 1971 - Rādhā (Hindu deity)

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Contents

Section 1
11
Section 2
22
Section 3
35

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Common terms and phrases

अनुभूति अन्तर अपने अब अर्थ आँखें आई आकाश आत्मा आया इस उर उस ऊपर एक ऐसे ओर और कब कर करता कला कहाँ कहीं का काव्य कि किन्तु किसी की कुछ के के लिए केवल कैसे को कोई क्या क्यों गई गए गगन गति गन्ध गया घन घर चेतना छन्द छाया जड़ जब जल जहाँ जा जाए जाता है जाती जाने जीवन की जैसे जो ज्ञान ज्यों तक तन तब तम तुम तुम्हारा तुम्हें तो था थी थे दृष्टि दे देखा नभ नहीं ने पथ पर पवन पहले प्रकाश प्रणय प्राण प्राणों फिर फूलों भर भाव भी मधु मन माँ मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यदि यह यहाँ या यों रस रह रहता रहा रही रहे राग राधा रूप लगता ले वन में वह वाणी संगीत सत्य सब सागर सुर से स्वर ही हुआ हुई हुए हूँ हृदय हे है हैं हो होगा होता है होती होने

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