Yagyavalkya Se Bahas

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Rajkamal Prakashan, Sep 1, 2008 - 174 pages
 

Contents

Section 1
14
Section 2
16
Section 3
44
Section 4
77
Section 5
84
Section 6
98
Section 7
101
Section 8
103
Section 9
105
Section 10
107
Section 11
115
Section 12
165
Section 13
173

Common terms and phrases

अपनी अपने अब अश्वत्थामा आँखें आँखों आकाश आज आत्मा इतना इस उन उन्हें उस उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा औरत कई कबीर कभी कर करते कल कहीं का कि किया किसी की कुछ के लिए को कोई क्या क्यों खड़े खुद गई गए गया घर जब जा जाता है जाती जाना जाने जीवन जो तक तरह तुम तुमने तुम्हारी तो था थी थीं थे दिए दिन दिया दी दुनिया दूर देखा देह द्रौपदी नहीं नाम नीचे ने पर पल पहली पार पिता पीछे प्रेम फिर बच्चे बना बस बात बाद बार बाहर भर भी मन माँ माधवी मानो मुझे में मेरा मेरे मैं मैंने यह यही या याद ये रह रहा है रही रहे रात राम रावण लगा लिया ली वह वे शब्द शायद सब सभी समय सा साथ सी सीता से हवा हाथ ही हुआ हुए हूँ है और हैं हो होता है होती होते होने

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