Deśadrohī: upanyāsaViplava Kāryalaya, 1967 - 271 pages |
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... थी न कोई शब्द ही उसके मुख से निकल पाता । उसे खूब जोर से ज्वर चढ़ आया था । बद्री बाबू डाक्टर की हिदायत के अनुसार लगातार उसके माथे पर ...
... थी न कोई शब्द ही उसके मुख से निकल पाता । उसे खूब जोर से ज्वर चढ़ आया था । बद्री बाबू डाक्टर की हिदायत के अनुसार लगातार उसके माथे पर ...
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... थी । वह राह में छोटी बहिन से मिल लेने के लिये देहली में ठहर गई । चाहती थी कि राज को साथ ले जाय । राज ने कहा- क्या होगा मंसूरी जाने से ...
... थी । वह राह में छोटी बहिन से मिल लेने के लिये देहली में ठहर गई । चाहती थी कि राज को साथ ले जाय । राज ने कहा- क्या होगा मंसूरी जाने से ...
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... थी । जानती थी कि पति भी जाग रहे हैं परन्तु हाल की घटना के बाद कुछ बात करने का साहस न था । सम्देह ! असतीत्व का सम्देह ! इस से बढ़ कर ...
... थी । जानती थी कि पति भी जाग रहे हैं परन्तु हाल की घटना के बाद कुछ बात करने का साहस न था । सम्देह ! असतीत्व का सम्देह ! इस से बढ़ कर ...
Common terms and phrases
अधिक अपना अपनी अपने अब आने आप इस उत्तर दिया उन उनके उन्हें उन्होंने उस उस के उसका उसकी उसके उसने उसे एक और करते करना करने के कह का कांग्रेस कानपुर काम कि किया किसी की ओर की बात कुछ के कारण के लिये कैसे को कोई क्या क्यों खन्ना ने गई गये घर चंदा चन्दा ने जनता जा जाता जान जाने जीवन जो डाक्टर तक तुम तो थे दिन दी दृष्टि दे देख कर देने देश दो नहीं पर परन्तु पहले पूछा प्रति फिर बद्री बाबू बम्बई बहुत बाद बिना भर भारत भी मजदूर मजदूरों मन मिल में मैं यदि यमुना यह यहां या रह रहने रहा था रही थी रहे थे राज रुपया रूस लगा लगे ले लोग लोगों वह वाले वे शिवनाथ सकता सकती सब समय साथ सिर से स्वयं हम हाथ ही हुआ हुई हूं है हैं हो गया होकर होगा होता होने