Premacanda aura Cekhava |
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अधिक अपनी अपने इन इस इसमें इसलिए उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उपन्यास उस उसका उसकी उसके उसने उसे ओर कर करता है करते हैं करना करने कहानियों में कहानी का का चित्रण कारण किया है किसी की कुछ के प्रति के बारे में के रूप में के लिए के साथ को कोई गया है गोदान चाहिए चेखव ने जनता जब जा जाता है जीवन के जीवन में जो तक तथा तरह तो था था कि थी थे दि दिखाई दिया दृष्टि देश दोनों द्वारा धर्म नहीं नाटक पर पात्र प्रस्तुत प्रेम प्रेमचंद प्रेमचन्द ने बहुत बात बाद भारत भारतीय भी मनुष्य महान मानव मास्को में एक मैं यथार्थ यथार्थवाद यह या रचनाओं में रहे रूस रूसी लिखा लेकिन लेखक लेखक ने लोगों वह वाले विश्वास वे संघर्ष सकता समय समाज सामाजिक सूरदास से हम हमें ही हुआ हुए हूं है और है कि हैं हो होता है होती