Polī imārataĀtmārāma, 1964 - 169 pages |
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... अछूत बने बैठे हैं । रंडियों के पाद - पंकज की रेणु का नयनांजन बनाते हैं । शराब को गंगाजल समझते हैं और साहबों के जूतों को विष्णु ...
... अछूत बने बैठे हैं । रंडियों के पाद - पंकज की रेणु का नयनांजन बनाते हैं । शराब को गंगाजल समझते हैं और साहबों के जूतों को विष्णु ...
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... अछूत हैं ? वे तुम्हारा मल साफ करते हैं इसी से तो तुम उन्हें अछूत कहते हो ? ईश्वर भी तो मल साफ करता है ! फिर उसे भी अछूत और अस्पृष्य ...
... अछूत हैं ? वे तुम्हारा मल साफ करते हैं इसी से तो तुम उन्हें अछूत कहते हो ? ईश्वर भी तो मल साफ करता है ! फिर उसे भी अछूत और अस्पृष्य ...
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... अछूत नहीं है । धर्म पर किसी का भी राज्य नहीं है । ' अब आप आ गए हैं । पधारिए । दया कीजिए । आप महात्मा हैं , देवता हैं— प्रापको कौन अछूत ...
... अछूत नहीं है । धर्म पर किसी का भी राज्य नहीं है । ' अब आप आ गए हैं । पधारिए । दया कीजिए । आप महात्मा हैं , देवता हैं— प्रापको कौन अछूत ...
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Common terms and phrases
अछूत अधिक अपनी अपने अब अभी आज आप इस इसी ईश्वर उग्र उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कभी कर करता करते करने कहाँ का कि किया किसी की की ओर की तरह कुछ के लिए को कोई क्या क्यों गई गए गुजराती घर जब ज़रा जा जाता जाने जीवन जो तक तब तुम तो त्रिभुवन था थी थे दिन दिया दूध दूसरे दे देखकर देखा दो दोनों नहीं नाम ने ने कहा पर पहले पास पिता पूछा फिर बम्बई बहुत बात बार बाहर ब्राह्मण भिक्खन भी भुवनेश्वर मगर मन माँ मालूम मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या रहा था रहा है रही रहे रुपए रुपया लगा लड़के ले लोग वह वे सकता सब समय समाज साथ सुखदेव सुमेरा से हम हमारे हाथ ही ही नहीं हुआ हुई हुए हूँ हृदय है हैं हो गया होगा होता होने