Polī imārataĀtmārāma, 1964 - 169 pages |
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... से समझकर कि कोई नौकर भी उसकी बात सुनने को नज़दीक नहीं , एम ० एल ० ए ० केवलचन्द ने कहा , " तेरह दिनों पहले आपसे जो पचास हज़ार रुपए मुझे ...
... से समझकर कि कोई नौकर भी उसकी बात सुनने को नज़दीक नहीं , एम ० एल ० ए ० केवलचन्द ने कहा , " तेरह दिनों पहले आपसे जो पचास हज़ार रुपए मुझे ...
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... से कुण्डी लगा रखी थी । तब से बराबर तो मैं बाहर से माँजी , माँजी ! पुकारती रही हूँ । थोड़ी देर पहले दरवाज़ा खोलकर वह बाहर आईं । मैंने ...
... से कुण्डी लगा रखी थी । तब से बराबर तो मैं बाहर से माँजी , माँजी ! पुकारती रही हूँ । थोड़ी देर पहले दरवाज़ा खोलकर वह बाहर आईं । मैंने ...
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... से पकड़ता था । वह गोश्त खाने का बहुत ही शौक़ीन , किन्तु खर्च न करने का प्रेमी था । गाँव में जंगली कबूतर सैकड़ों से दो बार उन्हीं के ...
... से पकड़ता था । वह गोश्त खाने का बहुत ही शौक़ीन , किन्तु खर्च न करने का प्रेमी था । गाँव में जंगली कबूतर सैकड़ों से दो बार उन्हीं के ...
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Common terms and phrases
अछूत अधिक अपनी अपने अब अभी आज आप इस इसी ईश्वर उग्र उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कभी कर करता करते करने कहाँ का कि किया किसी की की ओर की तरह कुछ के लिए को कोई क्या क्यों गई गए गुजराती घर जब ज़रा जा जाता जाने जीवन जो तक तब तुम तो त्रिभुवन था थी थे दिन दिया दूध दूसरे दे देखकर देखा दो दोनों नहीं नाम ने ने कहा पर पहले पास पिता पूछा फिर बम्बई बहुत बात बार बाहर ब्राह्मण भिक्खन भी भुवनेश्वर मगर मन माँ मालूम मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या रहा था रहा है रही रहे रुपए रुपया लगा लड़के ले लोग वह वे सकता सब समय समाज साथ सुखदेव सुमेरा से हम हमारे हाथ ही ही नहीं हुआ हुई हुए हूँ हृदय है हैं हो गया होगा होता होने