Eka ḍālī rajanīgandhā kī: āja uccavarga kā bhāratīya jīvana aura bīṭanikoṃ se prabhāvita pīṛhī kī belāg̲h̲a aura mārmika kahānīSāhitya kendra prakāśana, 1969 - 216 pages |
Common terms and phrases
अपनी अपने अब अभी आँखों आज आनन्द इस उनके उस उसका उसकी उसके उसने उसे एक ऐसा और कर रहे करने कह कहा का कि किया किसी की ओर कुछ के लिए के साथ को कोई कोठी क्या क्यों गई गया था गये घर चाय जब जा जाता जीवन जो ठीक डाक्टर साहब तक तुम तुम्हारे तो था कि थीं दिया दी दे देखा दो दोनों नहीं नहीं है नारंग नारी नीला ने पड़ी पड़े पर पास फिर बात बार बाहर बीटल्स बोला बोली बोले भर भारद्वाज भी महेन्द्र मीना के मुझे में मेरी मेरे मैं मैंने यह या रह रहा था रहा है रही थी रहे थे राय साहब रूप रेखा लग लगा लिया वह वे शरीर शायद श्रानन्द सकता सब सभी समय साड़ी सामने साहब ने सिर से हाथ ही ही नहीं हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हैरॉक हो गई हो गया