Jaba dharatī bolī

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Bhāratīya Grantha Niketana, 1972 - 216 pages

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Contents

Section 1
4
Section 2
5
Section 3
22

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Common terms and phrases

अपना अपनी अपने अब अब्बा आज आदमी आप आया इन्सान इस उन उनके उन्हें उस उसका उसके उसने उसी समय उसे एक ऐसे और कर करते करने का किन्तु किया किसी की की ओर की बात कुछ के लिए के लिये को कोई क्या गया गयी गये घर जब जा जिस जीवन जैसे जो तब तभी तुम तुम्हारे तो था कि थी थे दिन दिया दी दे देखा देश धर्म नगर नहीं ने कहा पति पर परन्तु पास प्रकार प्रदीप फिर बना बात बाबू बाहर बेटी बोला बोले भाई भाभी भाव से भी मुँह मुझे मुसलमान में मेनका ने मेनका बोली मेरी मेरे मैं मौलवी अलताफ हुसैन मौलवी साहब मौलाना यह यहाँ यही रहा है रही रहे राजीव रुपया लगा लिया लेकिन लोग वह वहाँ वे व्यक्ति शबनम शबनम ने संजय सब सभी समाज से हाँ हाथ हिन्दू ही हुआ हुई हुए हूँ है है कि हैं हो होगा

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