Eka rajanīgandhā corī

Front Cover
Kitāba Ghara, 1983 - Short stories, Hindi - 192 pages

From inside the book

Contents

Section 1
4
Section 2
7
Section 3
9

8 other sections not shown

Other editions - View all

Common terms and phrases

अच्छा अपना अपनी अपने अब आँखें आकर आज आदमी आप आया आवाज इस उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर कभी कर करती कहा का कि किया किसी की तरह कुछ कुमकुम के लिए के साथ को कोई क्या क्यों गई गयी गये घर चाय जगतसिंह जब जा जाता है जाती जी जैनी जैसे जो जोर तक तब तुम तुम्हारे तो था और थी थीं थे दादी दिन दिया दी देख देखा दो दोनों नहीं नहीं है ने पर पहले पास पूछा फिर बड़ी बन्द बहुत बात बातें बाद बार बाहर भी भीतर मन मुझे में मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ ये रहा था रहा है रही रहे लगता लगा लगी लड़की लिया ले लेकिन वह वहाँ वे शायद सकता सतीश सब समय से सोम हम हर हाँ हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो गया होता होती

Bibliographic information