Gadala aura kanya kahāniyām̐

Front Cover
Kitāba Ghara, 1992 - Short stories, Hindi - 220 pages

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Contents

पेड़
11
नारी की लाज
29
मरघट के देवता
65

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Common terms and phrases

अपना अपनी अपने अब अभी आज आदमी आनन्द आप आया इस उठा उठी उनकी उनके उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कभी कर करके करता करते करने कहाँ का काम कि किन्तु किया किसी की की ओर कुछ के लिए को कोई क्या क्यों गई गए गदल गया था घर चला चली जब जा जाता जी जीवन जैसे जो डॉक्टर तक तब तरह तुम तू तो थीं थे दिन दिया दी दे देख देखकर देखा दो नहीं नीचे ने कहा पर पानी पास पूछा फिर बरगद बात बाबू बार बाहर भर भिक्षु भी मन मुझे में मेरी मेरे मैं मैंने मैना यह यहाँ रहा था रहा है रही थी रहे थे रात लगा लगी लगे लिया ले लोग वह वही वृद्ध वे संघस्थविर सब समय सामने साहब सिर सुना से स्वर हम हाथ ही हुआ हुई हुए हूँ है कि हैं हो गया होकर

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